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नई दिल्ली यहां के इंदिरा गांधी स्टेडियम में आज होने वाले मेन्स रेसलिंग ट्रायल में सारी निगाहें 74 किग्रा वेट कैटिगरी पर थीं। दो बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट को चुनौती देने के लिए उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों प्रवीण राणा और जितेंदर कमर कस चुके थे। लेकिन, सुशील ने पहले ही फेडरेशन को लिखकर बता दिया था कि वह चोटिल हैं और इस बार ट्रायल में भाग नहीं ले पाएंगे। उन्होंने फेडरेशन से उनके वेट में ट्रायल फिलहाल टालने का भी आग्रह किया था, जिसे फेडरेशन ने मना कर दिया। एशियाई चैंपियनशिप और एशियाई ओलिंपिक्स क्वॉलिफायर के लिए ट्रायल आज होने वाले ट्रायल के विजेता को इसी महीने 15 से 18 तक होने वाले रैंकिंग्स सीरीज टूर्नमेंट, नई दिल्ली में 18 से 23 फरवरी के बीच होने वाली एशियाई चैंपियनशिप और चीन में 27 से 29 मार्च तक होने वाले एशियाई ओलिंपिक्स क्वॉलिफायर टीम में जगह मिलेगी। फिट होते ही बता दूंगासुशील ने NBT से बातचीत में बताया, 'मैं पूरी तरह फिट नहीं हूं और अभी ओलिंपिक क्वॉलिफाइंग टूर्नमेंट में समय भी है। इसलिए मैंने फेडरेशन को बता दिया कि फिलहाल ट्रायल में हिस्सा नहीं ले पाऊंगा। उम्मीद है एक-दो हफ्ते में फिट हो जाऊंगा। फिट होते ही फेडरेशन को बता दूंगा।' मौका देने को तैयार सुशील के हटने के बाद उन्हें किस तरह से टीम में जगह मिल सकती है, इस सवाल पर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के असिस्टेंट सेक्रटरी विनोद तोमर ने कहा, 'ओलिंपिक क्वॉलिफाइंग टूर्नमेंट मार्च में है। उससे पहले पहलवान दो टूर्नमेंटों में खेलेंगे। हम देखेंगे कि 74 किग्रा में अगर पहलवान अच्छा नहीं करेंगे तो हम सुशील को ट्रायल्स में शामिल होने के लिए कह सकते हैं। वह हमारे सबसे बड़े पहलवान हैं।'
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