मेलबर्न आखिरी क्षणों तक भी हार नहीं मानते जिसका बेहतरीन नमूना मंगलवार को ऑस्ट्रेलियाई ओपन में देखने को मिला जब इस 38 वर्षीय खिलाड़ी ने सात मैच पॉइंट बचाकर वर्ष के पहले ग्रैंड स्लैम के सेमीफाइनल में जगह बनाई। फेडरर की जीत की भूख अब भी पहले की तरह बरकरार है और उन्होंने समय समय पर इसे जाहिर किया था। अपने से दस साल छोटे और 100वीं रैंकिंग के अमेरिकी खिलाड़ी टैनिस सैंडग्रेन के खिलाफ भी उन्होंने अपने जोश, जज्बे और भरोसे को दिखाकर यादगार वापसी की और 15वीं बार ऑस्ट्रेलियाई ओपन के अंतिम चार में प्रवेश किया। फेडरर ने करारे शॉट जमाने में माहिर और कोर्ट पर चपल सैंडग्रेन को पांच सेट तक चले क्वॉर्टर फाइनल मुकाबले में 6-3, 2-6, 2-6, 7-6 (8), 6-3 से हराया। इस 20 बार के ग्रैंड स्लैम चैंपियन ने कहा, ‘मैच आगे बढ़ने के साथ मैं बेहतर महसूस करने लगा और सारा दबाव हट गया। मैं इसका हकदार नहीं था लेकिन मैं यहां खड़ा हूं और निश्चित तौर पर बहुत खुश हूं।’ फेडरर मैच के बीच में चेयर अंपायर से भी भिड़े। तीसरे सेट में उन्होंने ‘मेडिकल टाइमआउट’ लिया और बाद में दाएं पांव की मालिश के लिए एक ट्रेनर की मदद ली। सैंडग्रेन ने दूसरा और तीसरा सेट जीतने के बाद चौथे सेट में 5-4 से बढ़त बना रखी थी। फेडरर की सर्विस पर उनके पास तीन मैच पॉइंट थे। पहले पर सैंडग्रेन ने बैकहैंड नेट पर मार दिया। दूसरे में उनका फोरहैंड बाहर चला गया और तीसरे में फोरहैंड नेट पर जा लगा। यह गेम टाईब्रेकर तक खिंचा जिसमें स्कोर एक समय 3-3 से बराबर था। सैंडग्रेन ने अगले तीन अंक जीते और अब उन्हें जीत के लिए एक अंक की जरूरत थी। इस पूरे टाईब्रेकर में उन्हें चार मैच पॉइंट मिले लेकिन वह किसी का फायदा नहीं उठा पाए। फेडरर ने कहा, ‘कभी कभी भाग्य भी आपका साथ देता है।’ फेडरर ने दूसरे सेट पॉइंट पर स्कोर 2-2 से बराबर किया और फिर पांचवां सेट जीतकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
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