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नई दिल्लीऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान अस्थामा जैसी बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करने में लगे हुए हैं। उनका इस क्षेत्र में जुड़ाव उनके निजी जीवन में हुई एक घटना से जुड़ा हुआ है। क्लार्क की बेटी केल्सी ली को एक बार अस्थमा अटैक हुआ था, तभी से क्लार्क इस बीमारी के लेकर गंभीर हुए और उन्होंने एक ऐसी कंपनी में निवेश किया जो अस्थमा की पहचान करने संबंधी उपकरण बनाती है। क्लार्क इस समय भारत में हैं, जहां वे हर्ष वर्धन द्वारा स्थापित की मेड अचिवर्स द्वारा आयोजित की गई मेडपार्लियामेंट में हिस्सा लेने आए हैं। इस मेडपार्लियामेंट दुनियाभर के हेल्थ सेक्टर के स्टार्टअप्स ने हिस्सा लिया और स्वास्थ के क्षेत्र में निवेश को लेकर चर्चा की। क्लार्क ने कार्यक्रम से इतर हेल्थ सेक्टर में अपने निवेश की कहानी को साझा किया और बताया कि वह अपनी बेटी की परेशनी देखकर इस जगह निवेश करने को बाध्य हुए। बेटी को अस्थमा क्लार्क ने कहा, ‘मेरी हमेशा से बिजनेस में रुचि थी। चाहे किसी भी तरह का। मेरे करियर के अंतिम 4-5 साल में, जब मैं ऑस्ट्रेलिया का कप्तान था, तब से मैंने अलग-अलग तरह के बिजनेस पर ध्यान देना शुरू कर दिया था। लेकिन संन्यास लेने के एक दिन मेरी तीन साल की बेटी को अस्थमा अटैक हुआ और उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी। मेरे न ही मेरी पत्नी के परिवार में किसी को अस्थमा था इसलिए हमें पता नहीं था कि क्या करना है।’ इस तरह हुई नए अभियान की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया को 2015 में विश्व विजेता बनाने वाले कप्तान ने कहा, ‘मैं घबरा गया था कि मेरी बेटी का क्या होगा। मैं फिर अपनी कार में उसे लेकर अस्पताल गया और वहां हमें पता चला कि उसे अस्थमा है। मैं इस बारे में ज्यादा जानता नहीं था, इसलिए मैं अपनी बेटी की मदद के लिए कुछ रास्ते ढूंढने लगा। इसी दौरान में वाणी से मिला जो कंपनी रेसपिरिन का हिस्सा हैं। वह विजिंग नाम का उपकरण लेकर मेरे सामने आईं, जो अस्थमा में कारगर है।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने कुछ समय उस उपकरण के बारे में पढ़ा, उसके बारे में जाना। वो भी मेरे अपने अनुभव से। मुझे यह काफी पसंद आई और फिर मैंने इसमें निवेश किया। मेडिकल सेक्टर ऐसा नहीं था जिसका बारे में मैं सोच रहा था लेकिन मैंने अपने करियर में अपने स्वास्थ के बारे में काफी ध्यान रखा है और मेरी बेटी के साथ जो हुआ उसने मुझे इस सेक्टर की ओर खींचा ताकि मैं और लोगों की भी मदद कर सकूं।’ दाएं हाथ के इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया में तकरीबन 460 लोग हर साल अस्थमा से मर रहे हैं। यह खतरनाक बीमारी है। कई लोग कहते हैं कि उन्हें हल्का अस्थमा है लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि हल्की अस्थमा जैसी कोई चीज होती नहीं है और अगर आपको अस्थमा है तो आप मर भी सकते हैं। केल्सी को भी ऐसा भी कुछ हो सकता था।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे यह पसंद है। मेरा एक लक्ष्य था कि मैं क्रिकेट के बाहर भी सफल होऊं। अब मेरे पास यब बिजनेस है, जिसे मैं आगे ले जाना चाहता हूं और लोगों की मदद करना चाहता हूं। मैं कॉमेंट्री कम करता हूं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में मेरे बिजनेस है जहां समय बिताना मुझे पसंद है।’
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