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Tuesday, October 6, 2020

IPL 2020: संजू सैमसन पर संजय मांजरेकर के ट्वीट पर सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

नई दिल्ली ने 2020 की शुरुआत शानदार तरीके से की। पहले दो मैच में हाफ सेंचुरी लगाने के बाद उन्होंने खूब वाहवाहियां भी बटोरीं। ऐसा लगा कि यह सीजन इस विकेटकीपर बल्लेबाज के लिए टीम इंडिया में जगह बनाने का एक मौका हो सकता है। चेन्नै सुपर किंग्स के खिलाफ उन्होंने 74 और किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ 85 रन बनाए। लेकिन इसके बाद अगले तीन मैचों में सैमसन का बल्ला शांत रहा। उन्होंने अगली तीन पारियों में 8, 4 और 0 रन बनाए। फॉर्म में गिरावट सैमसन के लिए कोई नई बात नहीं है। बीते दो सीजन में भी उन्होंने शुरुआती तीन मैचों में काफी रन बनाए और उसके बाद उनकी फॉर्म खराब हो गई। शॉर्ट बॉल के खिलाफ सैमसन एक बार फिर संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। अपनी पिछली तीन में से दो पारियों में वह शॉर्ट पिच गेंद पर आउट हुए हैं। एक ओर राजस्थान रॉयल्य का यह स्टार बल्लेबाज वापसी की कोशिशों में जुटा है तो दूसरी ओर पूर्व भारतीय क्रिकेटर के एक ट्वीट ने सोशल मीडिया पर एक नई बहस को जन्म दिया है। मुंबई इंडियंस के खिलाफ मंगलवार को सैमसन खाता खोले बिना आउट हो गए। इसके बाद मांजरेकर ने ट्वीट कर कहा कि किसी खिलाड़ी को उसकी प्रथम श्रेणी औसत के हिसाब से तौला जाना चाहिए। उन्होंने इशारा किया कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में संजू सैमसन का बल्लेबाजी औसत सिर्फ 37 (37.64) का है। पूर्व बल्लेबाज ने ट्वीट किया, 'इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि प्रारूप कौन सा है। मैं किसी खिलाड़ी के बारे में कोई विचार बनाने से पहले उसकी प्रथम श्रेणी की औसत को देखता हूं। सैमसन इस बारे में मुझे थोड़ा चिंतित करते हैं। उनकी फर्स्ट क्लास औसत 37 की है। इसकी तुलना में मयंक का औसत 57 और गिल का अपने 21 मैचों में 73 का है।' मांजरेकर के इस ट्वीट पर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर डेमियन मार्टिन ने समर्थन दिया है। मार्टिन ने इसे सी पॉइंट बताया है। वहीं एक यूजर ने लिखा है कि मार्नस लाबुशाने की फर्स्ट क्लास औसत सिर्फ 33 की थी जब उन्हें पहली बार ऑस्ट्रेलिया के लिए चुना गया। इसके बाद उन्हें ऑस्ट्रेलियाई टीम में चुना गया। सिर्फ 6 महीने के भीतर उन्हें स्टीव स्मिथ का संभावित उत्तराधिकारी तक कहा जा रहा है। यूजर ने आगे लिखा कि अगर सिलेक्शन सिर्फ आंकड़ों के आधार पर होना है तो कोई भी सिलेक्टर बन सकता है। खिलाड़ी में संभावना तलाशने के लिए खास नजर चाहिए। मुझे लगता है कि युवराज सिंह भी इसका उदाहरण हैं जब सौरभ गांगुली ने उन्हें चैंपियंस ट्रोफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे नंबर पर बैटिंग करने भेजा।


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