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नई दिल्लीभारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने फिटनेस के महत्व पर जोर देते हुए अपने सभी प्रशिक्षकों से साल में दो बार फिटनेस परीक्षण करवाने के निर्देश दिए हैं। साई ने प्रशिक्षकों से अपने फिटनेस परीक्षण के रिकॉर्ड की निजी फाइल तैयार करने को भी कहा है। साई ने बयान में कहा, ‘फिटनेस परीक्षण आयु से जुड़े फिटनेस प्रोटोकॉल के दिशानिर्देशों पर निर्धारित किया जाएगा जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 सितंबर को ‘फिट इंडिया डायलॉग’ के दौरान की थी और जो भारत में उम्र में जुड़ा पहला फिटनेस परीक्षण है।’ फिटनेस प्रोटोकॉल के तहत सभी प्रशिक्षकों को शारीरिक संरचना परीक्षण (बीएमआई), संतुलन परीक्षण – फ्लेमिंगो बैलेंस और वृक्षासन, मांसपेशियों की मजबूती से जुड़ा परीक्षण, नौकासन आदि के साथ 2.4 किमी पैदल चाल या दौड़ में भी शामिल होना होगा। बयान में कहा गया है, ‘भारतीय खेल प्राधिकरण अपने प्रशिक्षकों के जरिए खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए जिम्मेदार है। प्रशिक्षक मैदान पर सही प्रशिक्षण दे सकें इसके लिए उनकी फिटनेस बेहद महत्वपूर्ण है।’ इसमें कहा गया है, ‘प्रशिक्षकों को फिटनेस का निश्चित स्तर बरकरार रखना होगा ताकि वे खिलाड़ियों के सामने उदाहरण पेश कर सकें। इसलिए प्रशिक्षकों को साल में दो बार प्रोटोकॉल के अनुसार शारीरिक फिटनेस परीक्षण कराने की सलाह दी गयी है।’
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