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के. श्रीनिवास राव, मुंबई इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) और इंडिया ( India) इस साल के लिए अलग हो रहे हैं। हालांकि अगले साल के लिए टाइटल स्पॉन्सरशिप (Title Sponsorship) का विकल्प खुला रखा गया है। हालांकि अलग होने की आधिकारिक घोषणा के 24 घंटे के भीतर ही इस साल के लिए टाइटल स्पॉन्सर तलाशने का विकल्प शुरू कर दिया है। ई-कॉमर्स कंपनी (Amazon) की नजरें भारत के त्योहारी सीजन- दशहरा (अक्टूबर) से दिवाली (नवंबर) पर हैं। लर्निंग ऐप बायजूज () भी दौड़ मे है। यह टीम इंडिया की जर्सी की भी स्पॉन्सर है। इस साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काफी कम होने से बायजूज को काफी नुकसान हुआ है। और इसके अलावा फैंटसी स्पोर्ट्स प्लैटफॉर्म () भी संभावित दावेदारों की लिस्ट में है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने गुरुवार को एक बयान जारी किया जिसमें उसने वीवो के बाहर जाने की जानकारी दी। हालांकि उसने यह भी संकेत दिया कि मोबाइल निर्माता कंपनी अगले साल वापसी कर सकती है। बाजार के जानकारों का मानना है कि रिप्लेसमेंट के तौर पर आने वाली कंपनी से वीवो जितनी वैल्यू नहीं मिलेगी। हालांकि जानकारों का कहना है कि अगर बीसीसीआई टाइटल स्पॉन्सर से एक तिहाई और दो आधिकारिक पार्टनर्स जोड़ ले तो यह बड़ी बात होगी। वीवो की ओर से बोर्ड को एक साल के लिए करीब 440 करोड़ रुपये दिए जाते थे अगर बोर्ड विकल्प के तौर पर आई कंपनी से 180 करोड़ रुपये के करीब की रकम जुटा लेता है तो यह बोर्ड के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। Unacademy, जो Byju's का सीधा प्रतिस्पर्धी है, भी काफी समय से आईपीएल से जुड़ने का प्रयास कर रहा है। उसकी यह कोशिश कोविड-19 के असर से पहले से ही जारी है। वहीं, MyCircle11, जो एक अन्य स्पोर्ट्स फैंटसी प्लैटफॉर्म है, भी इसी तरह की दिलचस्पी दिखा रहा है। हालांकि अगर इन दोनों कंपनियों को लीग से जुड़ना है तो उन्हें Byju's और ड्रीम 11 से टक्कर लेनी होगी। भारतीय टीम इस साल दिसंबर से पहले कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलेगी। इसके अलावा आईसीसी और एशियन क्रिकेट काउंसिल का भी कोई मुकाबला नहीं है ऐसे में बायजूज ने काफी विजिबिलिटी खो दी है। कंपनी ने पिछले साल ओप्पो को पीछे छोड़ते हुए करीब 1079 करोड़ रुपये में जर्सी की स्पॉन्सरशिप हासिल की थी। सूत्रों का कहना है, 'बीसीसीआई आज के लिए पार्टनर तलाश रहा है। अगर बायजूज आज आईपीएल को सपॉर्ट करता है और जर्सी स्पॉन्सरशिप के नंबर हटाने का फैसला करता है, तो यह दोनों के लिए फायदे का सौदा होगा।' ड्रीम11 दूसरी ओर आईपीएल का आधिकारिक पार्टनर है जो हर सीजन 40 करोड़ रुपये का भुगतान करता है। उन्हें एक बड़ा दावेदार इसलिए माना जा रहा है क्योंकि विजिबिलिटी उसके बिजनस का अहम हिस्सा है। हालांकि, अगर ड्रीम 11 टाइटल स्पॉन्सर बनना चाहता है तो संभव है कि बीसीसीआई उसे टाइटल बोली से 40 करोड़ रुपये अधिक देने के लिए कह सकता है। इससे उस रकम की भरपाई हो जाएगी जो ड्रीम 11 बतौर ऑफिशल पार्टनर देता है। सूत्रों का कहना है, 'अगर ड्रीम 11 टाइटल स्पॉन्सर बनता है तो अनअकैडमी ऑफिशल पार्टनर बन सकता है। अगर बायजूज को टाइटल मिलता है तो माइसर्कल 11 आ सकता है। ब्रॉन्ड्स में कोई टकराव नहीं होगा।' ऐमजॉन सबसे आगे माना जा रहा है। ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी ने कभी किसी खेल में टाइटल या ग्राउंड स्पॉन्सरशिप नहीं की है। हालांकि, यह दशहरा-दिवाली सीजन है और आईपीएल एक बड़ी प्रॉपर्टी है, तो यह कंपनी भी दांव खेल सकती है।
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