लाहौर पाकिस्तान के मुख्य 27 बरस की उम्र के के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के फैसले से हैरान नहीं हैं। कोच आर्थर का मानना है कि स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में प्रतिबंध से लंबे प्रारूप में इस तेज गेंदबाज के करियर को काफी नुकसान पहुंचा। इंग्लैंड में 2010 में स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में भूमिका के लिए आमिर को 5 साल के लिए बैन किया गया था। उन्होंने 2015 में खेल के सभी प्रारूपों में वापसी की लेकिन अपने करियर में 36 टेस्ट में 119 विकेट हासिल करने के बाद शुक्रवार को इस तेज गेंदबाज ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया। आर्थर ने 'ईएसपीएनक्रिकइन्फो' से कहा, 'वह (आमिर) 5 साल तक खेल से दूर रहे... इन पांच साल में उन्होंने कुछ नहीं किया। उसका शरीोर टेस्ट क्रिकेट की कड़ी परीक्षा के लिए तैयार नहीं है।' उन्होंने कहा, 'इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका सीरीज के दौरान हम उन्हें लेकर जितना जोर दे सकते थे उतना दिया क्योंकि वह इतने अच्छे गेंदबाज हैं कि हम इन दौरों पर उन्हें टीम में चाहते थे। आमिर के साथ जो कुछ भी संभव था वह हमने किया।' आर्थर ने कहा, 'वह इन पांच वर्षों का इस्तेमाल बेहतर तरीके से कर सकता थे। इसे (स्पॉट फिक्सिंग) स्वीकार करने वाले वह पहला व्यक्ति थे। लेकिन यह उनके लिए मुश्किल समय था और मैं इसे समझ सकता हूं।' आर्थर का मानना है कि अगर आमिर ने स्पॉट फिक्सिंग प्रतिबंध के कारण पांच साल नहीं गंवाए होते तो वह पाकिस्तान के इतिहास के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक होते। उन्होंने कहा, 'इतने वर्ष पहले आमिर को लेकर जो हाईप बनी थी वह सही थी क्योंकि वह इतने स्तरीय गेंदबाज हैं। जब गेंद स्विंग लेती है तो उनसे बेहतर अधिक लोग नहीं हैं। लेकिन वह अब वैसे गेंदबाज नहीं हैं, जैसे 2009 और 2010 में थे। वह अलग हैं, उनका शरीर अलग है।' आर्थर ने कहा कि बाएं हाथ के यह तेज गेंदबाज पिछले एक साल से अधिक समय से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बारे में सोच रहे थे। इस साउथ अफ्रीकी कोच ने साथ ही कहा कि प्रबंधन ने पिछले एक साल में आमिर के काम के बोझ को कम करने का प्रयास किया और इस तेज गेंदबाज को सिर्फ विदेशी दौरों पर खिलाने की संभावना के साथ परीक्षण भी किया गया था।
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